उत्तराखंड में लगातार जारी बारिश के बीच केदारनाथ धाम में आई आपदा ने यात्रा पर ब्रेक लगा दिए हैं। बाबा केदार के नाम पर जारी सियासत के बीच आफत बनकर बरसी बारिश ने भक्तों की राह रोक दी है। इसके साथ ही कांग्रेस की केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा पर भी ब्रेक लग गए हैं।
केदारनाथ यात्रा मार्ग का काफी हिस्सा ध्वस्त होने से सरकार ने अग्रिम आदेश तक यात्रा पर ब्रेक लगा दिया है।अब अग्रिम आदेशों तक यात्रा पर विराम रहेगा।
इस दौरान केदारनाथ में सरकार का रेस्क्यू अभियान जारी है। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मोर्चा संभाला हुआ है और तीर्थयात्रियों को भी हौंसला देते हुए सकुशल वापसी का भरोसा दिला रहे हैं। साथ ही आपदा प्रभावितों के बीच पहुंचकर भी मदद का आश्वासन दे रहे हैं।
बाबा के दर्शन ना कर पाने से जहां श्रद्धालु मायूस हैं। वहीं स्थानीय निवासी इसे बाबा की नाराजगी से भी जोड़कर देख रहे हैं। लोगों की मानें तो केदारनाथ धाम के नाम पर राजधानी दिल्ली से देहरादून तक चरम पर पहुंच चुकी राजनीति ने बाबा को नाराज कर दिया है और यही वजह है कि बाबा ने अपने द्वार पर सबकी एंट्री रोक दी है। लोगों की मानें तो बाबा केदार को अपने नाम पर राजनीति नहीं भायी और यही वजह है कि यहां आपदा आ गई।
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने राजनैतिक दलों को भी बाबा के नाम पर सियासत न करने की सलाह दी है। उनकी मानें तो आस्था के दर पर सिर्फ आस्था की बात होनी चाहिए ना कि सियासत ।
बता दें कि केदारनाथ मंदिर की दीवारों पर "सोने की परत चढ़ाने" को लेकर विवाद खड़ा होने के बाद से इसपर सियासत गरम है। कांग्रेस इसे बड़ा घोटाला करार देते हुए केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा निकाल रही है। इस पूरी सियासत को श्रद्धालु बाबा के प्रकोप से जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि अब आपदा आने से कांग्रेस की यात्रा पर भी विराम लग चुका है।
वहीं कांग्रेस ने भी हालात सामान्य होने तक यात्रा स्थगित करने का एलान किया है। राहुल गांधी के दिशा निर्देशों के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने यात्रा स्थगित करने की घोषणा की।