CWG 2022- लॉन बॉल में महिला टीम ने देश को दिलाया चौथा गोल्ड

post

कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की महिला लॉन बॉल टीम ने इतिहास रचते हुए ऐतिहासिक स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है। फाइनल मुकाबले में भारतीय चौकड़ी ने साउथ अफ्रीका को 17-10 से हराकर गोल्ड मेडल भारत की झोली में डाला। इन राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का यह कुल 10वां मेडल है।
बार शुरू के चार दिन भारत के वेटलिफ्टरों का बोलबाला रहा था. भारतीय खिलाड़ियों ने नौ में सात मेडल अपने नाम किए थे, जिसमें तीन गोल्ड भी शामिल थे. यह भारत का इन खेलों में चौथा गोल्ड है. लवली चौबे, पिंकी, नयनमोनी सैकिया और रूपा रानी टिर्की की चार खिलाड़ियों वाली टीम ने इस खेल के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को 16-13 से हराकर इतिहास रच दिया था.
पहली बार भारतीय महिला टीम इस खेल के फाइनल में गई थी और पहली बार भारत को इस खेल में मेडल भी मिला है, जबकि यह खेल साल 1930 से ही कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा रहा है. लेकिन भारत को 22 सालों में इस खेल में कभी कोई पदक नहीं मिला था. इंग्लैंड इसमें अब तक कुल 51 मेडल (20 गोल्ड, 9 सिल्वर और 22 ब्रॉन्ज) जीत चुका है।
लॉन बॉल एक तरह से गोल्फ की तरह है, क्योंकि वहां भी गेंद को एक लक्ष्य तक पहुंचाना होता है और इस खेल में भी ऐसा ही कुछ है. हालांकि, दोनों में कई फर्क भी हैं, जिसमें सबसे बड़ा फर्क ये होता है कि गोल्फ में स्टिक का इस्तेमाल होता है. जबकि लॉन बॉल में हाथ से ही गेंद को आगे भेजना होता है. दरअसल, इस खेल में गेंद को जैक यानी कि लक्ष्य भी कहा जाता है. इस जैक की तरफ ही गोलाकर गेंद को जमीन पर रोल करते हुए भेजना होता है. इसमें खेलने वाली दोनों टीमों को इसी प्रक्रिया का पालन करना होता है और अपनी गेंद को जैक के ज्यादा से ज्यादा नजदीक भेजना होता है, जिसकी गेंदें जैक के ज्यादा करीब होती हैं, वह अंकों के आधार पर विजेता बनता है।

ये भी पढ़ें

Leave a Comment