23 सितम्बर को विधानसभा घेराव करेगी आप,कृषि बिल को बताया अन्नदाता के वजूद पर खतरा

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कृषि बिल को लेकर आम आदमी पार्टी ने हमलावर रुख अपना लिया है। इस मसले को लेकर 23 सितम्बर को पार्टी विधानसभा का घेराव करेगी। 
आप ने सरकार पर हमला बोलते हुए लोकतंत्र के इतिहास में 20 सिंतबर को काला दिन करार दिया।  आम आदमी पार्टी का कहना है कि कृषि बिल को लेकर निरंकुश केंद्र सरकार अपनी मनमानी पर उतर आई है। देश के किसानों के हितों के साथ केंद्र सरकार खिलवाड़ कर रही है। पूर्ण बहुमत की सरकार निरंकुश तरीके से मनमर्जी पर उतारू है ,जिसका आम आदमी पार्टी विरोध करती है और किसानों के हक के लिए उनके साथ खड़ी है। 
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर ने कहा कि भाजपा सरकार पूरी तरह से किसान, मजदूर और व्यापारियों की विरोधी है। केंद्र सरकार ने इस काले कानून को दोनों ही सदनों में पास किया है जिसे आप पार्टी के साथ साथ पूरे देश के किसान, व्यापारी और मजदूर कतई स्वीकार नहीं करेंगे। 
प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता भाजपा और कांग्रेस के मंसूबों को समझ चुकी है। उत्तराखंड के अंदर दोनों ही पार्टियों ने शासन किया, लेकिन एक भी समस्या का हल नहीं हुआ। 
 वहीं केंद्र की भाजपा सरकार भी देश के अन्नदाताओं के खिलाफ बिल लाकर उनको ऊपर उठाने की बजाय उनको कुचलने का प्रयास कर रही है,जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । आप,अध्यक्ष कलेर के मुताबिक  ये बिल  पूरी तरह किसान विरोधी और उनके आस्तित्व को कमजोर करने  वाला बिल है।  इस बिल के जरिए प्रयास किया जा रहा है कि  किसान के आस्तित्व को खतरा पैदा किया जाये। ये किसानों की ज़मीन और अधिकारों पर केंद्र द्वारा अप्रत्यक्ष हमला है।
 इसी मसले को लेकर 23 सिंतबर को आम आदमी पार्टी विधानसभा का घेराव करेगी। कलेर ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री को ये नहीं मालूम कि देश के किसानों की औसत आय कितनी है ,वो अभी भी सात साल पुराने आंकड़ों में अटके है। 
 वहीं उत्तराखंड राज्य में सदन के पटल पर रखे गए 2017 के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के हर किसान पर औसतन 1 लाख 56 हज़ार 888 रुपए का ऋण था, सरकारी आंकड़े ये भी बताते हैं कि 2003 से लेकर 2013 तक किसानों पर बकाया कर्ज में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। 

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