हरदा का मौन व्रत, केंद्र सरकार पर साधा निशाना

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किसानों को लेकर पास हुए बिलों का विरोध देश में बढ़ता ही जा रहा है। इसी कड़ी में आज उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत देहरादून के गांधी पार्क के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने संसद की ओर से पारित किसान बिलों के विरोध में दो घंटे का मौन व्रत भी रखा।
हरीश रावत का कहना है कि इन अध्यादेशों से किसानों को मिलने वाला न्यूनतम मूल्य समाप्त हो जाएगा। सबके हितों के लिए बनी सस्ते गल्ले की प्रणालि समाप्त हो जाएगी। इसके साथ ही कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए किसानों की भूमि बड़े-बड़े पूंजीपतियों के हाथों में चली जाएगी जिससे किसान अपनी ही ज़मीन पर मजदूर बनकर रह जायेगा।

 

सुनिए क्या कहना है हरीश रावत का


 हरदा ने किसानों से संबंधित केंद्र सरकार के तीन विधेयकों को किसानों के खिलाफ साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की परेशानी बढ़ाने के लिए तीन अध्यादेशों को विधेयकों के रूप में मंजूर कराना चाहती है। ये तीनों विधेयक कृषि भूमि और मंडी कानून के रूप में किसानों को मिले संरक्षण के खिलाफ हैं। सरकारी सस्ता गल्ला प्रणाली के खिलाफ भी ये विधेयक एक साजिश हैं। 
उन्होंने साफ किया कि वो इन विधेयक का तब तक विरोध करते रहेंगे जब तक ये कानून वापस नहीं ले लिए जाते है।

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