कोरोना को हराना है- स्वास्थ्य सचिव ने ली बैठक, अधिकारियों को ये दिए निर्देश

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बुधवार को उत्तराखंड चिकित्सा स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और डीएम के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश में कोरोना के ताजा हालातों की समीक्षा की। इस दौरान स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोविड-19 से प्रदेश की जनता को बचाने के लिए किसी भी प्रकार की कोई धन की कमी नहीं है। फैसला लिया गया कि सभी जिलों के क्वारंटाइन सेंटरों के लिए एसडीएम स्तर के नोडल अधिकारी बनाए जाएंगे।
बैठक के दौरान स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि एसडीआरएफ और मुख्यमंत्री राहत कोष के साथ ही जिला योजना से भी जिलों को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है, ताकि स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्थाओं को और बेहतर किया जा सके। यही नहीं अधिकारियों को क्वारंटाइन फेसिलिटी में सारी आवश्यक सुविधाएं और व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश भी दिए।
इसके साथ ही उत्तराखंड प्रवासियों के साथ ही यहां रोके जाने वाले लोगों को जरूरी चीजों की कमी न हो और स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखा जाय, संबंधी दिशा-निर्देश भी दिए। यही नहीं प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को जिलों में क्वारंटाइन सेंटरों की मॉनिटरिंग के लिए एडीएम स्तर के अधिकारी को नोडल बनाये जाने, क्वारंटाइन सेंटर में क्या-क्या सुविधाएं होनी चाहिए, उसकी लिस्टिंग करने की भी बात कही।
सचिव नेगी ने कहा कि कोविड केयर सेंटर (सीसीसी) बहुत महत्वपूर्ण हैं। कोशिश की जाए कि यहां अधिक स्थान उपलब्ध हो। रेड जोन से आने वालों को संस्थागत क्वारेंटाईन किया जाना है। पर्वतीय जिलों में यथासंभव टेस्टिंग को बढाया जाए। इसके लिए बूथ फेसिलिटी भी विकसित की जा सकती है। प्राईवेट अस्पतालों का सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि जितने कार्मिकों की आवश्यकता है, आउटसोर्सिग से ले लिया जाए। इसमें विशेषज्ञ कार्मिकों की नियुक्ति को प्राथमिकता दी जाए। शासन स्तर पर सीसीसी, एमआईएस, लाजिस्टिक आदि के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। जिलों में भी नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए उन्हें सक्रिय किया जाए। जिलों में फील्ड लेवल पर जो भी कठिनाइयां आती हैं, शासन को उससे अवगत कराएं। नियमित रूप से इनपुट देते रहें। विभिन्न बिंदुओं पर डाटा संग्रहण किया जा रहा है। इस डाटा का विश्लेषण भी करें। इससे आगे की आवश्यकताओं के बारे में पता चलता है। 
सचिव नेगी ने कहा कि हेल्थ स्टाफ को सुरक्षित रखना सर्वोच्च प्राथमिकता पर हो। उनके लिए व्यवस्थाएं फुल प्रूफ हों। सभी व्यवस्थाओं का निरंतर आंकलन करते हुए देखें कि कहां-कहां गैप हैं। इन गैप को दूर किया जाए। एमआईएस पोर्टल पर सारी जानकारियां देना सुनिश्चित किया जाए। वीडियो कांफ्रेंसिग में सभी जिलाधिकारियों ने अपना फीडबैक दिया। 
 

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